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Krishna Motivational Quotes in Hindi.
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Krishna Quotes in Hindi
“नर्क के तीन द्वार हैं: काम, क्रोध और लोभ।”
“आप जो चाहते हैं उसके लिए लड़ते नहीं हैं; तो जो खोया उसके लिए रोओ मत।”
“इस शरीर का मोह मत करो, यह तो माटी है माटी में मिल जायेगा, अमर तो आत्मा है जो परमात्मा में मिल जाएगी।”
“सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकता। अच्छा करने से नहीं डरना चाहिए।”
“जो अहंकार से मोहित हो जाता है, वह सोचता है, मैं कर्ता हूँ।”
“जो होता है अच्छे के लिए होता है, कभी कभी विपरीत परिस्थितियां हमारी वर्तमान स्थिति को अच्छा करने के लिए आती हैं।”
“मैं किसी का भाग्य निर्माण नहीं करता, हर व्यक्ति अपना भाग्य स्वयं बनता है।”
“जो कुछ हुआ, अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।”
“जिस इंसान के चारों तरफ नकारात्मक लोग रहते हैं, उस इंसान का मंजिल से भटक जाना तय है।”
“जो कर्म में अकर्म देखता है और अकर्म में कर्म देखता है, वह मनुष्यों में बुद्धिमान होता है।”
“आप केवल कर्म के हकदार हैं, उसके फल के कभी नहीं।”
“मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।”
“कोई भी व्यक्ति जो अच्छा काम करता है, उसका कभी भी बुरा अंत नहीं होगा, चाहे यहाँ या आने वाले संसार में।”
“बुरे ‘कर्म’ करने नहीं पड़ते हो जाते हैं, और अच्छे ‘कर्म’ होते नहीं करने पड़ते हैं।”
“जिसका मन उसके वश में नहीं है, उसके लिए उसका मन शत्रु के समान है।”
“इच्छाओं में कमी ही सुख की कुंजी है।”
“जिसे तुम अपना समझ कर मग्न हो रहे हो, बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।”
“शांत, नम्रता, मौन, संयम और पवित्रता: ये मन के अनुशासन हैं।”
“भले ही दुर्बलता ईश्वर द्वारा दी जाती है, लेकिन गरिमा मनुष्य के मन को स्वयं निर्मित करती है।”
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“तुम्हारा मोह ही तुम्हारे दुखों का महान कारण है।”
“सभी जीवों का निर्माता मैं हूँ ! किसी जीव को कष्ट देकर तुम मुझे खुश कैसे देख सकते हो।”
“मन सफेद कपड़ा है, इसे जिस रंग में डुबाओगे वहीं रंग चढ़ जायगा।”
“मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा हैं और तुम सबके हो।”
“आत्म-विनाश और नरक के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लोभ।”
“वक्त से हारा या जीता नहीं जाता, बल्कि वक्त से सीखा जाता है।”
“संदेह करने वालों को न तो इस दुनियां में और न उस दुनिया में ख़ुशी मिलती है।”
“खुशी की कुंजी इच्छाओं की कमी है।”
“संतुष्ट मन इस विश्व का सबसे बड़ा धन है।”
“बड़प्पन वह गुण है जो पद से नहीं, संस्कारों से प्राप्त होता है।”
“व्यक्ति या जीव का कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण करता है।”
“धर्म केवल कर्म से होता है कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा ही नहीं है।”
“अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव, तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।”
“जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत कीजिये, आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं।”
“जो अपने मन पर नियंत्रण नहीं रखता, वह स्वयं का धीरे-धीरे शत्रु बनता जाता है।”
“स्वार्थ संसार का एक ऐसा कुआं है जिसमें गिरकर निकल पाना बड़ा कठिन होता है।”
“सेहत के लिए योग और किसी की जरूरत पर सहयोग दोनों से ही जीवन बदलता है।”
“मान, अपमान, लाभ-हानि, खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है।”
“उस इंसान का मंजिल से भटक जाना तय है जिसकी संगत में नकारात्मक लोग रहते हैं।”
“प्रेम सदैव माफी मांगना पसंद करता है और अहंकार सदैव माफी सुनना पसंद करता है।”
“सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बनो, मैं तुम्हें बाहर से नहीं बल्कि भीतर से जानता हूँ।”
“व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।”
“शब्द उतने ही बाहर निकालने चाहिए, जिन्हें वापिस भी लेना पड़े तो खुद को तकलीफ न हो।”
“परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं, जितना अपनों को अपना बनाए रखना होता है।”
“इंसान की सोच ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है वरना दुनिया में एक नाम के अनेक इंसान है।”
“यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते, तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।”
“मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मों पर चलता है, जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है।”
“दिव्यता केवल शक्तिशाली होने में नहीं, बल्कि वास्तविक दिव्यता दूसरों में शक्ति जाग्रत करने में है।
“जीवन में वाणी को संयम में रखना अनिवार्य है क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते।”
“रिश्तों को निभाने के लिए वक़्त निकालिये, कहीं ऐसा न हो जब आपके पास वक़्त हो तो रिश्ता ही न बचे।”
“जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं, जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं। उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।”
“जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो, सुख हो तो बढ़ जाता है, और दुःख हो तो बट जाता है।”
“अपने जीवन में कभी भी ना किसी को आनंद में वचन दें, ना क्रोध में उत्तर दें और ना ही दुख में कभी निर्णय लें।”
“अगर तुम्हें किसी ने दुखी किया है तो बुरा मत मानना, लोग उसी पेड़ पर पत्थर मारते हैं, जिस पेड़ पर ज्यादा मीठे फल होते हैं।”
“हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ों से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है।”
“एक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ। पर दुबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ कभी न बनो।”
“इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना।”
“जीवन में आधे दुख इस कारण जन्म लेते हैं, क्योंकि हमारी आशाएं बड़ी होती है। इन आशाओं का त्याग करके देखो, जीवन में सुख ही सुख है।”
“कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।”
“जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को।”
“कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।”
“यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है, बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल नहीं हो सकता।”
“जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।”
“अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।”
“सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।”
“फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।”
“धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।”
“सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प।”
“कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है इसलिए हमेशा अच्छे बीज बोए ताकि फसल अच्छी हो।”
“किसी के साथ दुख बांट पाना भी एक तरह का सुख है।”
“किससे कब और कितना बोलना है, अगर तुमने यह समझ लिया, तो तुम अपनी जिंदगी के सार्थक बन चुके हो।”
“सेहत के लिए योग और किसी की जरूरत पर सहयोग दोनों से ही जीवन बदलता है।”
“कर्म करते जाओ, फल की चिंता मत करो। क्योंकि जो तुम्हारे लिए सही है, वह समय पर मिलेगा।”
“जीवन में हर संघर्ष एक संदेश है, हर हार एक सीख है, और हर जीत में भगवान का आशीर्वाद है।”
“जब मन शांत होता है, तभी आत्मा का असली स्वरूप दिखता है।”
“जो अपने मन को जीत सकता है, वह संसार को भी जीत सकता है।”
“प्रेम वह शक्ति है जो हर मुश्किल को आसान कर देती है।”
“अहंकार को त्याग दो, क्योंकि जो खुद को बड़ा समझता है, वही सबसे छोटा बन जाता है।”
“जो जीवन को समर्पण और समभाव से जीता है, वही सच्चा भक्त है।”
” मोह छोड़ो, क्योंकि सच्चा सुख हमेशा आत्मा में बसा होता है।”
“हर अंधकार के बाद उजाला आता है, विश्वास रखो, कृष्ण हमेशा साथ हैं।”
“जो अपने कर्म में विश्वास रखता है, वही भगवान के सबसे करीब होता है।”
FAQ
कृष्ण कौन है?
कृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं। वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है।
भगवान कृष्ण का संदेश क्या है?
भगवान श्रीकृष्ण का संदेश है कि दुनिया में सब मोह है। कोई भी व्यक्ति किसी के साथ नहीं जाता है, जो भी इंसान से पाया है वह सब यही रह जाता है।
कृष्ण के अनुसार प्रेम क्या है?
समर्पण निःस्वार्थ समर्पण और जो बीना कामना के, बीना लालच के किया जाए वो प्रेम है।
गीता में कृष्ण के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है?
कृष्ण के अनुसार “जीव हत्या” सबसे बड़ा पाप है।
कृष्ण की पत्नी कौन थी?
रुक्मिणी, जाम्बवंती, सत्यभामा, मित्रवंदा, सत्या, लक्ष्मणा, भद्रा और कालिंदी।
कृष्ण ने राधा से शादी क्यों नहीं की?
राधा जी को श्रीदामा जी के द्वारा श्राप मिला था कि वे अपने प्रेम अर्थात कृष्ण जी से 100 वर्षों तक वियोग सहेंगी। इसी श्राप के चलते कृष्ण जी की राधा जी से विवाह नहीं हो पाया।